Russia: रूस की सैन्य ताकत एक बार फिर वैश्विक फोकस में है. राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने हाल ही में एक नई और घातक हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली – ओरेशनिक के सेना में शामिल होने की पुष्टि की है. यह ऐलान ऐसे समय पर हुआ है जब यूक्रेन संग युद्ध अपने चरम पर है और पुतिन की यह घोषणा अमेरिका और यूरोप के लिए नई चिंता का सबब बन गई है.
पुतिन ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए जानकारी दी कि यह हाइपरसोनिक मिसाइल अब औपचारिक रूप से रूसी सेना के पास है. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष मिसाइल के बड़े पैमाने पर उत्पादन का आदेश दिया गया था, जो अब पूरा हो चुका है. इस मिसाइल का परीक्षण भी नवंबर 2024 में यूक्रेन के एक सैन्य परिसर पर हमले के दौरान किया गया था.
बेलारूस को मिल सकती है मिसाइल की पहली विदेशी खेप
राष्ट्रपति पुतिन ने यह भी इशारा दिया कि वर्ष के अंत तक बेलारूस को भी ओरेशनिक मिसाइल की आपूर्ति संभव है. दोनों देशों के रक्षा विशेषज्ञ इस प्रणाली की तैनाती और संचालन को लेकर संयुक्त स्तर पर तैयारियों में जुटे हुए हैं.
कितनी घातक है ओरेशनिक हाइपरसोनिक मिसाइल?
रफ्तार और रेंज का विनाशकारी मेल
ओरेशनिक मिसाइल की सबसे बड़ी खूबी इसकी गति और मारक क्षमता है. यह मिसाइल मैक 10 की रफ्तार यानी लगभग 12,300 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भर सकती है. इसकी मारक सीमा 1,000 से 5,500 किलोमीटर तक मानी जा रही है – यानी यह मिसाइल रूस से दागी जाए और पलक झपकते ही यूरोप या अमेरिका के भीतर तक पहुंच जाए.
परमाणु क्षमता और रडार चकमा देने में माहिर
यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु वॉरहेड दोनों ले जाने में सक्षम है. ओरेशनिक की उड़ान ऊपरी वायुमंडल में होती है, जिससे यह पारंपरिक रडार और आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम जैसे THAAD, Aegis या SM-3 ब्लॉक 2A को आसानी से चकमा दे सकती है. हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि Arrow-3 और Aegis Ashore जैसे सिस्टम इसे आंशिक रूप से इंटरसेप्ट कर सकते हैं, लेकिन इसकी गति और ऊंचाई इसे मुश्किल लक्ष्य बना देती है.
यूक्रेन में बढ़त का दावा, चासोव यार पर कब्जा
पुतिन ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि रूस की सेना यूक्रेन में लगातार आगे बढ़ रही है. डोनेट्स्क और लुगांस्क के बाद अब जापोरोज़े और खेरसॉन जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में भी रूसी सेना ने पकड़ मजबूत की है. उन्होंने चासोव यार जैसे यूक्रेनी गढ़ पर कब्जे की पुष्टि करते हुए कहा कि रूस केवल अपना भूभाग वापस ले रहा है, किसी अन्य देश की भूमि पर अधिकार नहीं कर रहा.
शांति वार्ता को लेकर रूस का रुख नरम
जहां एक ओर युद्ध के मैदान में रूस का आक्रामक रुख जारी है, वहीं कूटनीतिक स्तर पर मॉस्को ने वार्ता के लिए दरवाजे खुले रखे हैं. पुतिन ने कहा कि अगर शांति के लिए वास्तविक इच्छाशक्ति हो, तो रूस हमेशा बातचीत को प्राथमिकता देगा. हाल ही में तुर्की के इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच सीधी बातचीत भी हुई थी, जिसमें युद्धबंदी, शवों की अदला-बदली और मानवीय मुद्दों पर सहमति बनी थी. रूस ने तीन संयुक्त कार्य समूहों (राजनीतिक, मानवीय और सैन्य) के गठन का प्रस्ताव भी सामने रखा है.
The Ink Post Hindi: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को पढ़ने के लिए हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook and Instagram and LinkedIn and Twitter to Stay updated! पर फॉलो कीजिए