NSA Doval meet Putin: मॉस्को के क्रेमलिन महल में गुरुवार, 7 अगस्त 2025 को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच उच्चस्तरीय बातचीत हुई. इस मुलाकात ने भारत और रूस के दशकों पुराने, भरोसेमंद और रणनीतिक संबंधों को नई मजबूती देने का संदेश दिया.
यह बैठक ऐसे समय पर हुई, जब ठीक एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल आयात को लेकर भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ को दोगुना करने की घोषणा की थी. हालांकि डोभाल की यह यात्रा पहले से तय थी, लेकिन मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों ने इस मुलाकात के महत्व को और बढ़ा दिया.
रणनीतिक और आर्थिक सहयोग पर गहन चर्चा
राष्ट्रपति पुतिन से भेंट से पहले अजीत डोभाल ने रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु के साथ लंबी वार्ता की. दोनों नेताओं ने बदलते भू-राजनीतिक हालात, वैश्विक अनिश्चितताओं और आधुनिक चुनौतियों के बीच भारत-रूस साझेदारी की अहमियत पर जोर दिया. इन चर्चाओं में न सिर्फ रणनीतिक सहयोग, बल्कि आर्थिक भागीदारी को भी और व्यापक बनाने पर सहमति बनी.
डोभाल का स्पष्ट संदेश
“हमारी साझेदारी का महत्व अपार” एनएसए अजीत डोभाल ने बातचीत के दौरान कहा, हम अपनी रणनीतिक साझेदारी को बेहद महत्व देते हैं. जैसा आपने कहा, दुनिया इस समय अस्थिरता और उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है. कई अनिश्चितताएं और अप्रत्याशित परिस्थितियां हमारे सामने हैं, ऐसे माहौल में हमारी पुरानी और विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है.
भारत संबंध हमारी प्राथमिकता
सर्गेई शोइगु ने भारत को रूस का भरोसेमंद मित्र बताते हुए कहा, भारत और रूस के बीच का रिश्ता समय की कसौटी पर हमेशा खरा उतरा है. आपसी सम्मान, भरोसा, हितों की समान समझ और साझा एजेंडा हमारी साझेदारी की नींव हैं. मॉस्को के लिए इस रिश्ते को और मजबूत करना सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने आगे कहा कि दोनों देश एक नए और स्थायी वैश्विक ढांचे के निर्माण, अंतरराष्ट्रीय कानून की मजबूती और आधुनिक चुनौतियों का संयुक्त रूप से सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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