Israel Attack on Gaza: गुरुवार को गाजा पट्टी के मध्य हिस्से में स्थित दीर अल बलाह शहर एक बार फिर युद्ध की विभीषिका का शिकार बना. यहां एक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर मदद की आस में खड़े लोगों पर इजरायली हवाई हमले में 15 नागरिकों की मौत हो गई. मृतकों में आठ मासूम बच्चे, तीन महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं. सबसे कम उम्र का बच्चा महज दो साल का था.
यह हमला उस वक्त हुआ जब दर्जनों लोग अमेरिकी गैर-सरकारी संगठन ‘प्रोजेक्ट होप’ द्वारा संचालित एक क्लिनिक के सामने कतार में खड़े थे. यह क्लिनिक गाजा में कुपोषण, संक्रमण और प्राथमिक चिकित्सा जैसी समस्याओं के इलाज के लिए जाना जाता है. एनजीओ के प्रमुख रबीह तुर्बे ने बताया कि इजरायली सेना को इस हेल्थ सेंटर की लोकेशन पहले ही मुहैया कराई जा चुकी थी, इसके बावजूद यह हमला हुआ. उन्होंने कहा, “हमारे दरवाजे खुलने से पहले ही वहां खड़ी मासूम जिंदगियां खत्म कर दी गईं.”
मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है (Israel Attack on Gaza)
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि बीते 24 घंटों में ऐसे हमलों में कुल 82 लोगों की जान जा चुकी है. घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि वहां चारों तरफ चीख-पुकार मची थी, बच्चे जमीन पर पड़े कराह रहे थे और कई को खून से लथपथ ठेलों में लादा गया. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक मौके से मिले वीडियो में यह दृश्य साफ देखा जा सकता है. इजरायली सेना ने इस हमले के पीछे सफाई दी कि उनका लक्ष्य एक हमास सदस्य था, जो 7 अक्टूबर 2023 के आतंकी हमले में शामिल था. सेना के प्रवक्ता ने कहा, “हम हर संभव प्रयास करते हैं कि आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे, और घटना की जांच की जा रही है.”
महिलाओं-बच्चों को मदद मिलना भी अब खतरे से खाली नहीं
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के डायरेक्टर ने बताया कि यह हमला उस वक्त हुआ जब उसी केंद्र के पास महिलाओं को बच्चों के लिए फॉर्मूला दूध दिया जा रहा था. ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ (MSF) के डॉक्टर मोहम्मद अबू मुगैसिब ने चिंता जताते हुए कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब चिकित्सा केंद्रों को निशाना बनाया गया हो. उन्होंने जोड़ा, “यहां हर दिन सैकड़ों लोग भोजन या मदद की आस में आते हैं और मौत का सामना करते हैं. अब यहां उम्मीद भी एक कमजोर शब्द बन चुका है.”
गाजा में हमास के हमले और इजरायली सेना की जवाबी कार्रवाई
गाजा के अंदर हमास की गुरिल्ला लड़ाई जारी है. हाल के दिनों में हमास के हमलों में इजरायली सेना के 20 से अधिक सैनिक मारे जा चुके हैं. अकेले बीत हनून में पांच सैनिकों की मौत हुई. साथ ही, यरुशलम के निकट गश एतजियोन जंक्शन पर दो फिलिस्तीनी बंदूकधारियों द्वारा एक इजरायली युवक की हत्या भी हुई, जिनमें से दोनों PA के पुलिसकर्मी बताए जा रहे हैं.
हूती हमले और अमेरिका से इजरायल की गुहार
लाल सागर में हूती विद्रोहियों द्वारा दो जहाजों पर हमला किए जाने और वीडियो जारी करने के बाद इजरायल ने एक बार फिर अमेरिका से सैन्य सहयोग की मांग की है. हूती नेता अब्दुल मलिक अल-हौथी ने चेतावनी दी है कि जब तक गाजा पर हमले नहीं रुकते, तब तक इजरायली संबंध वाले जहाजों को निशाना बनाया जाएगा. जर्मनी ने भी ईरान से अपील की है कि वह हूती विद्रोहियों को काबू में करे.
बंधकों की रिहाई की आस और नेतन्याहू की टिप्पणी
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका दौरे से लौटते समय कहा कि हमास के साथ बंधकों की रिहाई को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि करीब 60 दिनों के युद्धविराम पर सहमति बन सकती है. यह युद्धविराम बंधकों की रिहाई के पहले चरण के साथ शुरू हो सकता है.
ईरान के यूरेनियम भंडार पर चिंता बरकरार
इजरायली खुफिया एजेंसियों का मानना है कि अमेरिका द्वारा हाल ही में ईरान के इस्फहान स्थित परमाणु केंद्र पर किए गए हमलों के बावजूद वहां गहराई में छिपाया गया यूरेनियम सुरक्षित हो सकता है. हालांकि वहां तक ईरान की पहुंच अब मुश्किल मानी जा रही है. अमेरिका की रक्षा एजेंसियों ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि बंकर बस्टर बम अपने निशाने तक पहुंचे या नहीं.
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