Iran Threat to Trump: ईरान की धमकी से नहीं डरे ट्रंप, बोले- फर्क नहीं पड़ता

Iran Threat to Trump

Iran Threat to Trump: अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नया मोड़ तब आया, जब ईरान के एक शीर्ष सलाहकार ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर ऐसा बयान दे दिया, जिसने वॉशिंगटन से लेकर तेहरान तक कूटनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार जवाद लारीजानी ने दावा किया है कि ट्रंप की सुरक्षा अब उनके फ्लोरिडा स्थित भव्य निवास मार-ए-लागो में भी सुनिश्चित नहीं रह गई है.

ईरानी सलाहकार की दो टूक चेतावनी

ईरान के एक प्रमुख टेलीविजन चैनल पर इंटरव्यू के दौरान लारीजानी ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप अब आराम से अपने बंगले में धूप नहीं सेंक सकते. अगर वह पेट के बल लेटे हों, तो एक छोटा सा ड्रोन उनकी नाभि पर गिर सकता है. यह करना बेहद आसान है. उनका यह बयान अमेरिका द्वारा की गई पुरानी कार्रवाइयों पर प्रतिक्रिया माना जा रहा है. विशेषकर 2020 में बगदाद एयरपोर्ट पर ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से दोनों देशों के संबंध लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं.

ट्रंप की प्रतिक्रिया: मज़ाक में छुपी चिंता?

Fox News के कार्यक्रम में जब पत्रकार पीटर डूसी ने ट्रंप से सवाल किया कि क्या वह इस बयान को सीधी धमकी के तौर पर देखते हैं, तो ट्रंप ने हल्की मुस्कान के साथ जवाब दिया. हां, शायद ये धमकी है. मुझे पूरा यकीन नहीं, लेकिन हो भी सकती है. इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि आखिरी बार उन्होंने कब धूप सेंकी थी, तो ट्रंप ने हँसते हुए कहा कि बहुत साल पहले.

शायद जब मैं 7 साल का था. हालांकि ट्रंप ने इस पूरे मामले को हल्के-फुल्के अंदाज़ में टालने की कोशिश की, लेकिन उनके चेहरे की गंभीरता और शब्दों का चयन बता रहा था कि ईरान की यह सीधी टिप्पणी उन्हें सोचने पर मजबूर कर रही है.

बड़ी तस्वीर: राजनीतिक बयान या रणनीतिक संकेत?

इस तरह की भाषा, खासकर किसी राष्ट्राध्यक्ष या उनके सलाहकार के स्तर से, सिर्फ गुस्से या बदले की भावना तक सीमित नहीं होती—यह रणनीतिक संदेश होती है. लारीजानी की टिप्पणी यह संकेत देती है कि ईरान, सुलेमानी की मौत को लेकर अब भी जवाब का ‘सही वक्त’ तलाश रहा है, और अमेरिका को यह याद दिला रहा है कि ‘राजनीतिक फैसलों की कीमत’ चुकानी पड़ सकती है.

क्या यह सिर्फ बयानबाज़ी है?

कूटनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, भले ही यह बयान तुरंत किसी सैन्य कार्रवाई का संकेत न देता हो, लेकिन यह इस बात की चेतावनी जरूर है कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव सिर्फ परमाणु मुद्दों या आर्थिक प्रतिबंधों तक सीमित नहीं रह गया है. अब यह व्यक्तिगत स्तर पर राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदेश देने की होड़ में तब्दील हो चुका है.

यह भी पढ़ें: India Hypersonic Missiles: भारत के मुकाबले नहीं पाकिस्तान! तैयार हो रही ये पांच हाइपरसोनिक मिसाइलें

The Ink Post Hindi: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को पढ़ने के लिए हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook and Instagram and LinkedIn and Twitter to Stay updated! पर फॉलो कीजिए

Author

  • Sarthak Arora

    सार्थक अरोड़ा एक युवा और विचारशील लेखक हैं, जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति, कूटनीति, और सामरिक रणनीति जैसे विषयों पर गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। The Ink Post Hindi में वह उन खबरों को आवाज़ देते हैं, जो केवल सतह पर नहीं, गहराई में जाकर समझने की माँग करती हैं।

Leave a Comment