Eurofighter Typhoon: दुनिया में कुछ लड़ाकू विमान ऐसे हैं, जो सिर्फ मशीन नहीं बल्कि तकनीकी चमत्कार माने जाते हैं. यूरोफाइटर टाइफून उन्हीं में से एक है. यूरोप के चार बड़े देशों ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और स्पेन—ने मिलकर इसे तैयार किया, ताकि यह भविष्य के हर युद्धक्षेत्र में अपनी बादशाहत कायम रख सके. हालांकि यह चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, लेकिन लगातार हुए अपग्रेड्स ने इसकी ताकत को इतनी ऊंचाई दे दी है कि यह आज भी किसी भी 4.5 पीढ़ी के जेट को टक्कर दे सकता है.
यूरोफाइटर टाइफून की कल्पना 1980 के दशक के अंत में आकार लेने लगी. 1994 में इसका पहला प्रोटोटाइप आसमान में उतरा और करीब एक दशक बाद, 2003 में यह ऑपरेशनल सर्विस में शामिल हुआ. तब से लेकर आज तक, यह लिबिया, सीरिया और इराक जैसे युद्ध क्षेत्रों में अपनी क्षमता साबित कर चुका है.
गति, रेंज और डिजाइन की खासियत
टाइफून का डिजाइन उसे तेज़ और फुर्तीला बनाता है. डेल्टा विंग और कैनार्ड लेआउट, अत्याधुनिक एवियोनिक्स और फ्लाई-बाय-वायर कंट्रोल सिस्टम इसे अलग पहचान देते हैं. यह 2,495 किमी/घंटा (लगभग Mach 2) की रफ्तार पकड़ सकता है. इसकी कॉम्बैट रेंज लगभग 1,390 किमी और फेरी रेंज 3,790 किमी है, जिससे यह लंबी दूरी के मिशनों के लिए भी आदर्श है.
हथियार और मारक क्षमता
टाइफून पर 27 मिमी की Mauser BK-27 तोप लगी होती है. यह हवा से हवा, हवा से जमीन और एंटी-शिप मिशन में कई तरह की मिसाइलें ले जा सकता है. जैसे AIM-120 AMRAAM, Meteor, Storm Shadow और Brimstone. इसके अलावा यह प्रिसिजन-गाइडेड बमों से भी लैस हो सकता है, जिससे इसकी मारक क्षमता और बढ़ जाती है.
अत्याधुनिक तकनीक
इसमें Captor-M मल्टी-मोड रडार है, जिसे अपग्रेड कर AESA रडार (Captor-E) में बदला जा रहा है. हेल्मेट-माउंटेड डिस्प्ले और इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) सिस्टम पायलट को कम रोशनी या जटिल परिस्थितियों में भी टारगेट पकड़ने और मार गिराने की क्षमता देते हैं. यह एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक और एंगेज कर सकता है.
किन देशों के पास है टाइफून?
आज टाइफून ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और स्पेन की वायु सेनाओं की रीढ़ है. इसके अलावा ऑस्ट्रिया, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत भी इस घातक मशीन के मालिक हैं. ब्रिटेन ने इसे रॉयल एयर फोर्स (RAF) में “Typhoon FGR4” नाम से तैनात किया है.
डील्स और डिलीवरी
- सऊदी अरब को 72 टाइफून जेट्स 2007 के बाद डिलीवर हुए.
- ऑस्ट्रिया ने 2003 में ऑर्डर देकर 15 जेट खरीदे.
- ओमान ने 2012 में 12 टाइफून का सौदा किया.
- हाल में कतर और कुवैत ने भी इसे अपनाया, जिनकी डिलीवरी 2020 के बाद शुरू हुई.
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