China Aircraft Carrier Fujian: विश्व में बढ़ते सैन्य तनाव और समुद्री दबदबे की होड़ के बीच चीन ने अपनी नौसैनिक ताकत का ऐसा परिचय दिया है, जिसने सामरिक हलकों में हलचल मचा दी है. जहां अमेरिका और रूस समुद्र के गर्भ में परमाणु पनडुब्बियों के जरिए एक अदृश्य शीत युद्ध लड़ रहे हैं, वहीं चीन ने सतह पर आकर अपनी सबसे अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट कैरियर ‘फ़ुज़ियान’ की पहली झलक दुनिया के सामने पेश की है. यह विमानवाहक पोत न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि भविष्य की नौसैनिक रणनीतियों में चीन की मंशा को भी दर्शाता है.
30 जुलाई को चीन के सरकारी चैनल चाइना सेंट्रल टेलीविज़न (CCTV) ने ‘फ़ुज़ियान’ की एक टेस्टिंग वीडियो जारी की, जिसने चीन की नौसैनिक तैयारियों की एक झलक दुनिया को दी. वीडियो की शुरुआत टाइप 003 फ़ुज़ियान पर तैनात जे-15टी फाइटर जेट से होती है, जिसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट की सहायता से लॉन्च करने की प्रक्रिया दिखाई गई है.
पहली झलक: उड़ान भरते जेट और तकनीकी ताकत का मेल
लॉन्चिंग से पहले एक अधिकारी “पॉजिशन 2, उड़ान भरने के लिए तैयार” की अनुमति देता है. यद्यपि वीडियो में विमान की पूरी उड़ान नहीं दिखाई गई, लेकिन टेकऑफ के संकेतस्वरूप डेक पर उसकी परछाई और ध्वनि से स्थिति स्पष्ट हो जाती है.
परीक्षण के चरण में सबसे बड़ा पोत
यह वीडियो ऐसे समय सामने आया है जब ‘फ़ुज़ियान’ हाल ही में अपने आठवें समुद्री परीक्षण से गुजर चुका है. मई 2025 के अंत में संपन्न हुए इस परीक्षण के बाद उम्मीद की जा रही है कि यह पोत शीघ्र ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) के बेड़े में आधिकारिक रूप से शामिल हो जाएगा. विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान परीक्षण केवल उड़ान संबंधी नहीं, बल्कि पोत की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट और अरेस्टिंग तकनीक को भी प्रमाणित करने के लिए किया गया है.
नए युग का संकेत: जे-15टी से लेकर J-35 तक
सैन्य विश्लेषकों का अनुमान है कि चीनी नौसेना इस डेक से जे-15 के साथ-साथ पांचवीं पीढ़ी के J-35 फाइटर जेट्स की भी परीक्षण उड़ानें कर रही है. इससे पहले भी पोत के डेक पर देखे गए टायर के निशान इस बात की पुष्टि करते हैं कि “टच-एंड-गो” लैंडिंग के अभ्यास हो चुके हैं जो फाइटर जेट पायलट्स के लिए नौसैनिक अभियानों का एक अहम हिस्सा होता है.
फुज़ियान की विशेषताएं: तकनीकी श्रेष्ठता का नमूना
‘फ़ुज़ियान’ चीन का अब तक का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत विमानवाहक पोत है, जो पूरी तरह घरेलू तकनीक पर आधारित है. इसमें विद्युत चुम्बकीय कैटापल्ट सिस्टम है, जो पारंपरिक स्टीम कैटापल्ट की तुलना में अधिक कुशल, तेज़ और प्रभावशाली होता है. यह सिस्टम पहले केवल अमेरिका के ‘फोर्ड क्लास’ कैरियर्स में देखा गया था, और अब चीन ने भी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.
ग्लोबल संदेश: शक्ति का प्रदर्शन या रणनीतिक चेतावनी?
चीन के इस कदम को केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि एक वैश्विक रणनीतिक संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है. जिस समय दुनिया का ध्यान अमेरिका-रूस की समुद्री प्रतिस्पर्धा पर है, उस वक्त चीन का यह उन्नत एयरक्राफ्ट कैरियर सामने लाकर यह बताना है कि एशिया की ताकत भी अब महासागरों में निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है.
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