America on Iran: अमेरिका कई देशों के साथ अपने मुद्दों को लेकर चर्चा में रहता है. कभी ईरान तो कभी कनाडा. अगर न भी कुछ हो तो टैरिफ का राग अलापना शुरू हो जाता है. सभी जानते हैं कि हाल ही में अमेरिका ने ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी. इस युद्ध को रुकवाने के लिए अमेरिका का ही हाथ है. ट्रंप के कारण दोनोंं देशों के बीच सीजफायर हुआ और उसके बाद से ही तनाव में कमी आई. लेकिन भले ही मैदान पर जंग पर कमी दिखी हो पर जुबानी हमला अभी भी जारी है. अब ट्रंप ने एक बार फिर युद्ध को लेकर बयान जारी किया और उन्होंने बताया कि आखिर कैसे ईरान पर हमला किया.
अमेरिका और वैश्विक कूटनीति का रिश्ता हमेशा गतिशील रहा है. कभी व्यापार विवादों के चलते कनाडा पर टिप्पणी, तो कभी मध्य पूर्व में चल रहे टकराव में सक्रिय हस्तक्षेप अमेरिका चर्चा में बना ही रहता है. ताजा मामला ईरान और इज़राइल के बीच के तनाव का है, जहां अमेरिका की भूमिका सिर्फ मध्यस्थ की नहीं रही, बल्कि एक निर्णायक कदम उठाने वाली शक्ति के रूप में उभरी है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ईरान (America on Iran) के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई को लेकर बड़ा खुलासा किया है. Fox News को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि 22 जून को अमेरिकी वायुसेना ने ईरान की तीन अहम परमाणु साइटों पर हमला किया, और इस हमले ने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को “दशकों पीछे” धकेल दिया.
हमला किन-किन साइट्स पर हुआ? (America on Iran)
- परमाणु स्थल स्थान विशेषताएं
- Fordow क़ोम के पास पहाड़ों के भीतर स्थित, सबसे सुरक्षित न्यूक्लियर सुविधा
- Natanz इस्फहान प्रांत यूरेनियम संवर्धन की प्रमुख जगह
- Isfahan मध्य ईरान न्यूक्लियर रिसर्च और ईंधन उत्पादन केंद्र
“बम मक्खन में चाकू की तरह घुसा”
ट्रंप ने बताया कि इस ऑपरेशन में B-2 स्टेल्थ फाइटर विमानों ने GBU-57 बंकर बस्टर बम और टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलों का इस्तेमाल किया. ईरान ने बमों का रास्ता रोकने की कोशिश की थी, लेकिन बम ऐसे घुसे जैसे मक्खन में चाकू, ट्रंप का दावा है कि Fordow अब एक सक्रिय साइट नहीं रही, बल्कि “हज़ारों टन पत्थरों का ढेर” बन चुकी है.
हमला गोपनीय था, बिना किसी चेतावनी के ट्रंप ने यह भी साफ किया कि ईरान को हमले की कोई सूचना नहीं दी गई थी. हम बहुत कम नोटिस पर गए ताकि कोई लीक न हो. ये सबसे खतरनाक और गुप्त ऑपरेशन में से एक था. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका ने पहले ही ईरान को यूरेनियम संवर्धन रोकने की अंतिम चेतावनी दी थी, लेकिन जब वह माने नहीं, तो यह सैन्य कार्रवाई जरूरी हो गई.
क्या सच में खत्म हुआ ईरान का परमाणु कार्यक्रम?
ट्रंप के मुताबिक यह हमला ईरान के न्यूक्लियर मिशन को “दशकों पीछे” ले गया है. हालांकि, IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के प्रमुख राफेल ग्रोसी का कहना है कि ईरान कुछ महीनों में फिर से संवर्धन प्रक्रिया शुरू कर सकता है. यह बयान ट्रंप के दावों पर एक तरह से संतुलन बैठाता है.
कनाडा और 🇨🇳 TikTok पर भी ट्रंप की दो टूक
इंटरव्यू में ट्रंप ने कनाडा के डिजिटल सेवा कर को “अमेरिका पर सीधा हमला” बताया और स्पष्ट किया कि जब तक कनाडा ये टैक्स खत्म नहीं करता, व्यापारिक वार्ता आगे नहीं बढ़ेगी. इसके साथ ही उन्होंने TikTok को लेकर भी अहम जानकारी दी. एक बेहद अमीर लोगों का समूह TikTok को खरीदने के लिए तैयार है. मैं अगले दो हफ्तों में उनके नाम सार्वजनिक करूंगा.
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