Friendship Day 2025: दोस्ती की कहानी किसी तारीख की मोहताज नहीं होती, लेकिन फिर भी 3 अगस्त जरूरी है

Friendship Day 2025: फ्रेंडशिप डे बस कुछ दिन दूर है। ये वही दिन है जब हम उन लोगों को याद करते हैं जो हमारी ज़िंदगी में कोई खून का रिश्ता नहीं रखते, फिर भी हमारे सबसे करीब होते हैं।

2025 में ये दिन 3 अगस्त को पड़ रहा है – अगस्त का पहला रविवार। लेकिन चलो इसे सिर्फ तारीख समझकर न देखो। ये दिन मौका है थैंक यू कहने का, उन दोस्तों को याद करने का जिनकी वजह से हम खुद को थोड़ा कम अकेला महसूस करते हैं।

क्यों जरूरी हैं दोस्त, जब सब कुछ बिखर रहा हो

हर किसी की ज़िंदगी में वो वक्त आता है जब चीजें गड़बड़ा जाती हैं। कभी नौकरी जाती है, कभी रिश्ते टूटते हैं, कभी हिम्मत चुक जाती है। ऐसे वक्त में कई बार अपने भी दूरी बना लेते हैं। लेकिन एक अच्छा दोस्त? वो आपकी बातें सुनता है, बिना आपको तोड़े।

कई बार वो हल नहीं देता, बस चुपचाप आपके साथ बैठता है। और बस उतना ही काफी होता है।

खुशियों का पहला कॉल अक्सर दोस्त को ही जाता है

कुछ अच्छा हुआ? पहला कॉल किसे किया? शायद वही दोस्त, जो हर छोटी बात पर जश्न मनाना जानता है।

किसी कॉम्पिटिशन में जीत हो या देर रात खाने की craving – दोस्त वो हैं जिनके साथ बिताया हर पल, बाद में याद बन जाता है।

एक दोस्त जो हिम्मत भी देता है और भरोसा भी

सपने छोटे हों या बड़े, सच्चा दोस्त आपके साथ खड़ा मिलता है।

वो आपको धक्का नहीं देता, बस इतना कहता है – ‘तू कर सकता है।’ और ये एक लाइन कई बार काफी होती है।

इस रिश्ते की सबसे खास बात यही है कि इसमें डर नहीं होता। न जजमेंट का, न रिजेक्शन का।

बात सिर्फ साथ की नहीं, भरोसे की भी है

एक अच्छा दोस्त आपको गिरने नहीं देता।

और अगर गिर भी जाओ, तो सबसे पहले हाथ वही बढ़ाता है।

उसके सामने आप कमजोर भी हो सकते हैं, गुस्सा भी, टूटे हुए भी। और वो फिर भी आपके साथ खड़ा रहता है।

फ्रेंडशिप डे सिर्फ एक त्योहार नहीं, एक एहसास है

लोग ग्रीटिंग कार्ड भेजते हैं, पोस्ट शेयर करते हैं। लेकिन असली फ्रेंडशिप डे तब होता है जब किसी बात पर दिल भारी हो और कोई दोस्त बस एक लाइन बोले – ‘बता, क्या हुआ?’

ये दिन बस इतना याद दिलाता है कि ज़िंदगी में वो लोग कितने जरूरी हैं जिनसे हम अपना सबसे रियल वर्जन शेयर कर सकते हैं।

इस दिन की शुरुआत कैसे हुई?

1930 में अमेरिका में ग्रीटिंग कार्ड कंपनी Hallmark ने सबसे पहले फ्रेंडशिप डे मनाने का आइडिया पेश किया।

उद्देश्य था – दोस्ती के रिश्ते को मनाना और जाहिर करना।

1958 में पराग्वे ने इसे औपचारिक रूप से प्रस्तावित किया और धीरे-धीरे ये दिन दुनियाभर में लोकप्रिय हो गया।

क्यों मनाएं ये दिन?

क्योंकि दुनिया में सब कुछ कम हो सकता है – समय, पैसा, रिश्ता, मोहब्बत – लेकिन अगर एक सच्चा दोस्त है, तो बहुत कुछ बचे रहने की उम्मीद रहती है।

फ्रेंडशिप डे हमें ये याद दिलाने का मौका देता है कि कुछ लोग हमारे जीवन में इसलिए हैं क्योंकि हमने उन्हें चुना है। और उन्होंने हमें।

दोस्ती का असर सिर्फ दिल पर नहीं, दिमाग पर भी होता है

साइकोलॉजी कहती है कि जिन लोगों की लाइफ में अच्छे दोस्त होते हैं, वो कम anxious होते हैं, कम lonely होते हैं और ज्यादा confident महसूस करते हैं।

मतलब साफ है – दोस्ती सिर्फ रिश्ते नहीं बनाती, मानसिक सेहत भी सुधारती है।

आखिरी बात – एक दोस्त होना लक नहीं, आशीर्वाद है

अगर आपकी ज़िंदगी में एक भी ऐसा इंसान है, जिससे आप बिना नकाब के बात कर सकते हैं, जो बिना मतलब आपके साथ है… तो आप खुशकिस्मत हैं।

तो इस 3 अगस्त को कोई लंबा पोस्ट मत लिखो, कोई बड़ा गिफ्ट मत खरीदो। बस उस दोस्त को कॉल करो और कहो – “तू है, यही बहुत है।”

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  • मैं लिखने और सोचने का शौक़ीन हूँ। मेरा मानना है कि अच्छे लेख केवल जानकारी नहीं देते, बल्कि पाठकों को सोचने पर मजबूर भी करते हैं।

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