Polycystic kidney disease: मशहूर वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। आम लोगों से लेकर बड़े बड़े सेलिब्रिटी तक उन्हें जानते है। प्रेमानंद जी ने अपने सतसंग से सभी लोगों के बीच खास जगह बनाई है, सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन पर ज्ञान सभी की चिंता दूर करने में मददगार साबित होता है। इसके साथ ही सत्संग खत्म होने के बाद भक्त महाराज से तमाम तरह की समस्याओं से जुड़े सवालों के जवाब पूछते है जिसका जवाब महाराज बड़ी सहजता से देते है।
लेकिन कुछ दिनों से महाराज जी की तबियत खराब चल रही है। इसी वजह से उनकी नियमित पदयात्रा पर भी विलंब आगया है।
जाने पूरी कहानी? (Polycystic kidney disease)

महाराज जी का स्वास्थ श्रद्धालु को काफी परेशान व निराश कर रहा है। दरअसल साल 2006 में प्रेमानंद जी महाराज के अचानक पेट दर्द हुआ तो उन्होंने कानपुर में जांच कराई तो जांच में पता लगा कि उनकी किडनी खराब हो गई है। जब मैं दिल्ली पहुंचे तूने डॉक्टर ने बताया कि उनकी दोनों किडनी खराब हो चुकी है और उनको कहा गया कि उनका जीवन बहुत कम समय का है तब से ही उन्होंने वृंदावन आकर राधा नाम जप करना शुरू कर दिया।
क्या होता है पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज? (Polycystic kidney disease)

महाराज जी को पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज है , यह एक जेनेटिक बीमारी है जिसमें किडनी के अंदर छोटे छोटे पानी से भरे थैले जिन्हें सिस्ट कहा जाता है बन जाते है।
यह सिस्ट पानी जैसे तरल पदार्थ से बने होते है जिसके कारण किडनी का आकार समय के साथ साथ बढ़ जाता है और किडनी के काम करने की क्षमता को खत्म करने लगता है।
इसी कारण महाराज जी इन दिनों काफी बीमार चल रहे है। चार दिन पहले तक उन्हें हफ्ते में पांच बार डायलिसिस दिया जाता था। डायलिसिस एक तरीके का ट्रीटमेंट है जिसमें किडनी से गंदा खून या एक्स्ट्रा फ्लूइड को साफ किया जाता है जब किडनी खुद इस काम को करने में सक्षम नहीं रहती है। लेकिन अभी महाराज जी को रोजाना डायलिसिस दिया जा रहा है उनकी ज्यादा तबियत बिगड़ने के कारण।
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