How to stop aggression of child: सामान तोड़न और फेकना शरारत नहीं, अपने बच्चे में सुधारें ये आदत; आज ही हो जाएं सतर्क

How to stop aggression of child

How to stop aggression of child: बच्चों में तोड-फोड़ की आदत सामान्य है , यहां बच्चों से मतलब है कम उम्र के बच्चे जो 6-7 साल से कम उम्र के हो। परंतु यदि 10 से 19 साल की उम्र के बच्चे समान तोड़ रहे है जान बूझकर गुस्से में तो यह समस्या की बात है। छोटे बच्चों का सामान तोड़ना उनकी शरारत और नादानी का परिचय देता है। पर यही पर बड़े बच्चों का सामान तोड़ना उनकी बेफकूफी, शरारत और मन बड़ होने का प्रमाण देता है । छोटी उम्र के बच्चों के अंदर नादानी होती है उनको समझ नहीं आता क्या सही है क्या गलत है और वह काम क्यों कर रहा है उनको देखना होता है इसके अंदर क्या है, उनको सही गलत की समझ नहीं होती, उनके मां-बाप तोड-फोड़ की आदत को हल्के में लेते हैं। पर जब बच्चा बड़ा होकर यह शरारत करता है तो यह शरारत नहीं है उसकी आदत बन जाती है और इस आदत को सुधारने के लिए माँ- बाप को सख्त बनना पड़ता है।

समझे मूल अंतर (How to stop aggression of child)

छोटे बच्चों को उनका सामान तोड़ना उनकी ना समझ में आता है जबकि बड़े बच्चों का सामान तोड़ना उनकी मनमानी दिखता है। माता-पिता को बुनियादी अंतर पता होना चाहिए इन दोनों चीज़ों में ताकी वो अपने बच्चों को सही राह पर लेकर जाएं और समझा पाएं कि क्या गलत है और क्या सही है ।

कारण (How to stop aggression of child)

किशोरी अवस्था के बच्चों का सामान तोड़ना उनकी समस्या को दर्शाती है उनकी समस्या किसी भी चीज़ से हो सकती है स्कूल, पढ़ाई ,आज़ादी, खेलकूद या उनकी कोई भी मांग से हो सकती है। अक्सर यह देखा जाता है कि बड़े बच्चे को अगर कोई चीज ना दिलाए जाए, या उनके माता-पिता किसी चीज पर उनको मना करते है तो वह अपनी मनमानी करते है, खाना नहीं खाते है, समान फेंकने व तोड़ने लगते है ।

समस्या का हल (How to stop aggression of child)

अगर छोटे बच्चे समान तोड़ते है तो उनको समझाया जा सकता है। उन्हें प्यार से समझाएं ज्यादा सख्त तरीके से न समझाए। बच्चों को डांटना, मारना अच्छी बात नहीं है।

अगर बड़े बच्चे तोडफ़ोड़ का काम कर रहे है तो इसे नजरअंदाज न करे । और उन्हें प्यार से शांति से दोस्त बनकर उनकी सहायता करें, उनसे पूछे की क्या बात है उनसे पूछे कि क्या चीज है जो उनको परेशान कर रही है। उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। जिसमें आप उनसे योग करवाएं उन्हें बहार खेलने के लिए भेजे उनके साथ उनके साथ दोस्त बनकर रहें ताकि वह बच्चे अपने मन कि बात बता सके ।

मां – बाप की प्रतिक्रिया (How to stop aggression of child)

जब बच्चे कोई समान तोड़ दे तो मां- बाप की प्रतिक्रिया बहुत सामान्य होनी चाहिए यह नहीं होना चाहिए कि वह बहुत गुस्से में है और गुस्से में आकार उन बच्चों को मार दे या कोई सजा दे दे । पहले मां-बाप को शांत होना चाहिए इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दिखानी चाहिए अपना गुस्सा कंट्रोल करना चाहिए। और प्यार से बच्चों को समझाना चाहिए कि यह चीज गलत है और यह चीज सही है।

दूसरी बात यह है कि अगर बच्चा समान तोड़ दे तो समान को तुरंत ना दिलाएं ताकि उसको समान की कीमत पता चले और भविष्य में वह समान ना तोडे।

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Author

  • Shivi Sharma

    पत्रकारिता की तृतीय वर्ष की छात्रा, जिसे वैश्विक मुद्दों पर लिखना पसंद है। जटिल विषयों का विश्लेषण कर उन्हें सरल और स्पष्ट शब्दों में प्रस्तुत करने में माहिर।"

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