Fasting Rules by Premanand Maharaj: हम सभी प्रेमानंद जी महाराज को जानते होंगे हमने उन्हें इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर देखा होगा। प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के प्रसिद्ध महाराज हैं जो लोगों की समस्याएं सुनते हैं और उनका समाधान बताते हैं। हाल ही में प्रेमानंद जी महाराज ने अपने सतसंग में कहा कि आजकल लोगों के व्रत रखने का तरीका बिल्कुल गलत है जिस तरह से वह व्रत के नाम पर पूरा दिन भोजन का सेवन करते हैं वह बिल्कुल अनुचित है.
प्रेमानंद जी ने लोगों को इस नवरात्रि व्रत के सही नियम बताए है
दोपहर मे खाए (Fasting Rules by Premanand Maharaj)
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार नवरात्रि या कोई भी व्रत की शुरुआत दोपहर 12:00 के बाद से करनी चाहिए उससे पहले आपको भगवान की पूजा आराधना करनी चाहिए।
दोपहर में चरणामृत या फल का भोग भगवान को लगाकर खाना खाएं।
केवल फल खाए(Fasting Rules by Premanand Maharaj)
प्रेमानंद जी कहते हैं कि लोग फलहार के नाम पर बहुत से व्यंजन बनाते हैं और खाते है जैसे कूटू की पकौड़ी, साबूदाने की खीर आदि। फलाहार का अर्थ यह नहीं है कि आप यह सभी व्यंजन बनाएं और खाएं फलाहार का अर्थ यह है कि सिर्फ आप फल खाएं
बार बार न खाए(Fasting Rules by Premanand Maharaj)
व्रत में यह भी ध्यान रखा जाता है कि आप कितना खा रहे हैं और कब-कब खा रहे हैं बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो व्रत में दिन रात सुबह शाम खाते ही रहते हैं इस तरीके से व्रत रखने का बिल्कुल अनुचित तरीका है।
बुरे विचारों से दूर रहे
इन सबके अलावा बहुत जरूरी है मन को साफ रखना आपके विचार भी साफ रहने चाहिए मन में नकारात्मक विचार नहीं आने चाहिए आप व्रत रख रहे हैं तो आप सिर्फ और सिर्फ भगवान के प्रार्थना करें सत्संग करें और अच्छे विचारों का समर्पण करें।
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