Hindi Diwas 2025: नोएडा. सेक्टर 62 स्थित आईएमएस नोएडा के जनसंचार विभाग ने अनूठे अंदाज में विद्यार्थियों में कौशल विकास आधारित हिंदी टाइपिंग कार्यशाला आयोजित कर हिंदी दिवस मनाया. इस दो घंटे की कार्यशाला में छात्रों को खेलो और याद रखो की अनूठी तकनीक से टाइपिंग की-बोर्ड को कंठस्थ कराया गया. वहीं कार्यक्रम के दौरान छात्रों को डिजिटल हिंदी कंपोजिंग के गुर भी सिखाए गए. कार्यक्रम के दौरान बतौर प्रशिक्षक जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) सचिन बत्रा मौजूदगी दर्ज करायी.
हिन्दी केवल मातृभाषा नहीं
कार्यक्रम के दौरान आईएमएस नोएडा के वाइस प्रेसिडेंट चिराग गुप्ता ने कहा कि हिंदी केवल हमारी मातृभाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और पहचान की आत्मा है. डिजिटल युग में इसका तकनीकी रूप से सशक्त होना बेहद जरूरी है. हिंदी टाइपिंग कौशल विकास जैसी कार्यशालाएं छात्रों को नई दिशा देते हैं और उन्हें भविष्य की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करती हैं.
टाइपिंग और क्लोजिंग का कौशल जरूरी
आईएमएस नोएडा के महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ.) विकास धवन ने कहा कि डिजिटल युग में हिंदी की पकड़ मजबूत करने के लिए टाइपिंग और क्लोजिंग का कौशल बेहद ज़रूरी है. आईएमएस नोएडा की यह पहल छात्रों को न केवल हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करने का प्रयास है, बल्कि उन्हें डिजिटल युग में प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास छात्रों की पेशेवर दक्षता बढ़ाने के साथ-साथ हिंदी भाषा के प्रति गर्व और लगाव भी विकसित करना है.
कंटेंट में पहली सीढ़ी हिन्दी
डॉ सचिन बत्रा ने बताया कि मीडिया और कंटेंट में रोजगार की पहली सीढ़ी ही हिंदी टंकण या कहें टाइपिंग है, डिजिटल हिंदी भारत अभियान के तहत हिंदी टाइपिंग की यह कार्यशाला आईएमएस नोएडा में वर्ष 2011 में शुरू की गई थी. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य हिंदी दिवस को सार्थक बनाना था इसलिए विद्यार्थियों को हिंदी का डिजिटल कंपोजिंग ज्ञान देकर कौशल विकास ही नहीं रोजगार मापदंडों को पूरा करने का अभियान चलाया गया.
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