Children’s day 2025: पूरी दुनिया 20 को मनाती है पर भारत आज मानता है बाल दिवस; जाने करण और महत्व

Children's day 2025

Children’s day 2025: आज 14 नवंबर का दिन बच्चों के लिए बेहद खास होता है। आज पूरा भारत इस दिन को बाल दिवस (Children’s Day) के रूप में मना रहा है। स्कूल्स, कॉलेजों में बच्चों के लिए खास आयोजन किया है। पर क्या आप जानते है पूरे देश में 20 नवंबर को वर्ल्ड चिल्ड्रंस डे( world children’s day) के लिए घोषित किया है। केवल भारत में ही 14 नवंबर को यह दिन मनाया जाता है। आईए विस्तार से जानते है इसके पीछे का कारण।

क्यों मनाया जाता है बाल दिवस?(Children’s Day 2025)

आपको यह जानकारी तो हो गई है कि 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। पर इसके पीछे का क्या कारण है। इस दिन आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है और यह दिन पंडित जी ने खास बच्चों के लिए समर्पित कर दिया था। क्योंकि मैं बच्चों से बेहद प्यार करते थे इसलिए बच्चा है ‘चाचा नेहरू’ कहकर पुकारते थे। नेहरू जी का मन था कि यह बच्चे देश का आने वाला भविष्य है किसी भी राष्ट्र की नींव शिक्षित बच्चों पर टिकी हुई है। मैं बच्चों से इतना प्यार करते थे कि राजनीतिक यात्राओं के दौरान भी उनके लिए समय निकाल लेते थे उनकी जब हमेशा बच्चों को देने के लिए मिठाईयां या तोहफों से भरी रहती थी। इसीलिए उनका जन्मदिवस बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

क्यों भारत 20 नवंबर को बाल दिवस नहीं मानता?(Children’s Day 2025)

यह यह दिलचस्प बात है कि अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। जबकि भारत बाल दिवस 14 नवंबर को मनाता है। 1959 में इस दिन यूनाइटेड नेशंस असेंबली ने बच्चों के अधिकारों का एक बड़ा नियम बनाया गया था। भारत में भी इस दिन बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बात की जाती है, लेकिन हमारे यहाँ असली उत्सव 14 नवंबर को होता है। यह दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है, क्योंकि वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे।

महत्व जानें(Children’s Day 2025)

1 इस दिन बच्चों के अधिकार पर जोर दिया जाता है जैसे शिक्षा स्वास्थ्य सुरक्षा पर बात की जाती है।

2 चाचा नेहरू का सपना था कि हर बच्चा शिक्षित हो और उनके इसी सपने को साकार करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।

3 इस इन बच्चों के लिए तरह-तरह के प्रोग्राम्स आयोजित किए जाते हैं जैसे भाषण चित्रकार खेल निबंध आज तरह की प्रतियोगिताएं होती हैं जिससे बच्चों का मनोबल बढ़ता है।

4 इसके अलावा इस दिन गरीबी बाल शोषण कुपोषण जैसे गंभीर समस्याओं पर चर्चा की जाती है और यह दिन इन मुद्दों पर जोर डालने का अवसर देता है।

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Author

  • Shivi Sharma

    पत्रकारिता की तृतीय वर्ष की छात्रा, जिसे वैश्विक मुद्दों पर लिखना पसंद है। जटिल विषयों का विश्लेषण कर उन्हें सरल और स्पष्ट शब्दों में प्रस्तुत करने में माहिर।"

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