Sawan Ka Somwar 2025: सावन में भोलेनाथ की पूजा, जानें क्या चीजें अर्पित नहीं करनी चाहिए

Sawan Ka Somwar 2025

Sawan Ka Somwar 2025: सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए खास महत्व रखता है. इस दौरान लाखों श्रद्धालु हर रोज़ शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं और अपनी आस्था के साथ भगवान भोलेनाथ का पूजन करते हैं. हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना अन्य देवी-देवताओं की तुलना में कहीं अधिक आसान है, क्योंकि वे स्वयं “भोले” हैं. बस एक लोटा जल भी अगर भगवान शिव को अर्पित कर दिया जाए, तो वे जल्दी खुश हो जाते हैं. लेकिन, पूजा के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी जरूरी होता है. आइए जानते हैं कि शिव पूजा के दौरान कौन सी चीजों का इस्तेमाल करना वर्जित है, ताकि पूजा सही तरीके से संपन्न हो सके.

1. केतकी के फूल

सावन में शिव पूजा के दौरान केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी और केतकी के फूल ने मिलकर यह दावा किया था कि उन्होंने शिवलिंग का अंत देखा है. भगवान शिव इस झूठ से नाराज हो गए और उन्होंने केतकी के फूल को श्राप दिया कि उनका फूल कभी भी शिव पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. तब से लेकर आज तक, केतकी के फूलों को भगवान शिव के पूजन में वर्जित माना गया है.

2. तुलसी के पत्ते

तुलसी के पत्तों को देवी-देवताओं की पूजा में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन भगवान शिव की पूजा में तुलसी के पत्ते चढ़ाना निषेध है. इसकी वजह एक पुरानी कथा है, जिसमें तुलसी ने भगवान शिव को श्राप दिया था. जब शिव जी ने जलंधर राक्षस का वध किया, तब जलंधर की पत्नी तुलसी ने शिव से नाराज होकर उन्हें यह श्राप दिया कि वह कभी भी उसकी पूजा में नहीं शामिल हो पाएंगे. इसी कारण, तुलसी के पत्तों का शिव पूजा में उपयोग वर्जित है.

3. कुमकुम, रोली और सिंदूर

कुमकुम, रोली और सिंदूर का उपयोग आमतौर पर देवी पूजा में किया जाता है, क्योंकि ये स्त्रीत्व से जुड़े होते हैं. भगवान शिव को पुरुष तत्व माना जाता है, और इसी कारण इन चीजों को शिव पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाता. पौराणिक मान्यता है कि अगर इन चीजों का उपयोग शिव पूजा में किया गया, तो पूजा का ऊर्जा संतुलन बिगड़ सकता है और इसका विपरीत असर हो सकता है.

4. नारियल

नारियल को पूजा में अर्पित करना आमतौर पर देखा जाता है, लेकिन भगवान शिव के पूजन में नारियल या उसका पानी अर्पित नहीं करना चाहिए. इसके बजाय, शिवलिंग पर जल, दूध और गन्ने के रस से ही अभिषेक करना चाहिए, क्योंकि इनसे पूजा अधिक प्रभावशाली होती है और शिवलिंग की पवित्रता बनी रहती है.

5. टूटे हुए चावल

भगवान शिव की पूजा में चावल का उपयोग किया जाता है, क्योंकि चावल को “अक्षत” कहा जाता है, जिसका मतलब होता है अविनाशी और स्थिर. भगवान शिव के अविनाशी स्वरूप से मेल खाने के लिए, पूजा में साबुत चावल ही अर्पित किए जाने चाहिए. टूटे हुए चावल का इस्तेमाल शिवलिंग पर नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे पूजा का प्रभाव नकारात्मक हो सकता है और भगवान शिव नाराज हो सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Bharat 24  एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है.)

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Author

  • Sarthak Arora

    सार्थक अरोड़ा एक युवा और विचारशील लेखक हैं, जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति, कूटनीति, और सामरिक रणनीति जैसे विषयों पर गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। The Ink Post Hindi में वह उन खबरों को आवाज़ देते हैं, जो केवल सतह पर नहीं, गहराई में जाकर समझने की माँग करती हैं।

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