Netanyahu Warn to Israel: नेतन्याहू की इस चेतावनी से दहल गया ईरान! लोगों को दे डाला ये फरमान

Netanyahu Warn to Israel

Netanyahu Warn to Israel: गाजा पट्टी में लगातार बढ़ते संघर्ष ने न केवल मध्य-पूर्व, बल्कि पूरी दुनिया को चिंता में डाल रखा है. एक ओर जहां दुनिया भर के नेता इस संकट के समाधान के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपनी रणनीति पर अड़े हुए हैं. उन्होंने गाजा के मध्य क्षेत्रों को पूरी तरह से खाली करने का ऐलान कर दिया है, जबकि कतर में इजरायल और हमास के बीच सीजफायर के प्रयासों के बावजूद हालात सुधरते नहीं दिखाई दे रहे हैं.

नेतन्याहू का अडिग रुख और गाजा के लोग

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और हमास के बीच सीजफायर के लिए प्रयास किए थे, लेकिन इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू का रुख इस समय पूरी तरह से अलग दिख रहा है. उन्होंने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ डिनर के बाद स्पष्ट रूप से यह कहा कि वे गाजा के मध्य क्षेत्रों को खाली करने पर अडिग हैं. उनके इस आदेश के बाद, इजरायली सेना ने गाजा पट्टी के मध्य क्षेत्र में निकासी की चेतावनी जारी की है, एक ऐसा क्षेत्र जहां अब तक इजरायली सैन्य गतिविधियाँ कम थीं.

यह चेतावनी दीर अल-बलाह, रफ़ा और खान यूनुस के बीच क्षेत्र में दी गई है, और इसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में संपर्क कटने की संभावना है. कतर में इजरायल और हमास के बीच सीजफायर की बातचीत जारी है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के मुताबिक, अब तक इस दिशा में कोई ठोस सफलता नहीं मिली है.

गाजा के लोग और अंतरराष्ट्रीय संकट

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बार-बार कहा है कि गाजा में सैन्य दबाव बढ़ाने से हमास पर समझौते के लिए दबाव डाला जा सकेगा. उनकी रणनीति को इसी नजरिए से देखा जा रहा है. लेकिन सवाल यह है कि क्या इस सैन्य दबाव से आम नागरिकों को भी राहत मिलेगी? गाजा में जिन लोगों ने कभी न महसूस की थी, वे आज इस युद्ध के सबसे बड़े शिकार बन रहे हैं.

जिस क्षेत्र में निकासी आदेश जारी किया गया है, वहां कई अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठन काम कर रहे हैं. इन संगठनों की चुप्पी चिंताजनक है, क्योंकि गाजा की जनता के लिए मानवीय सहायता बेहद जरूरी है. इजरायली सेना के प्रवक्ता अविचाय अद्रई ने कहा है कि सेना जल्द ही इस क्षेत्र में तेज और गंभीर हमले करने वाली है. उन्होंने स्थानीय नागरिकों, खासकर उन लोगों को जो तंबुओं में रह रहे हैं, से अपील की है कि वे गाजा के दक्षिणी तट के मुवासी क्षेत्र की ओर चले जाएं, जिसे इजरायल ने मानवीय क्षेत्र घोषित किया है.

गाजा का मानवीय संकट और निरंतर संघर्ष

गाजा की 20 लाख से ज्यादा आबादी इस समय भीषण मानवीय संकट का सामना कर रही है. 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. इस हमले में 1200 इजरायली नागरिकों की जान चली गई और 251 लोग बंधक बना लिए गए थे. अब तक केवल 50 बंधक बचे हैं, और इनमें से आधे से कम के जीवित होने की उम्मीद जताई जा रही है.

इसके बाद इजरायली सेना ने गाजा में अपना अभियान तेज कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप अब तक गाजा के 58,000 से ज्यादा नागरिकों की मौत हो चुकी है. इस निरंतर संघर्ष ने गाजा की जनता को एक जटिल मानवीय संकट में डाल दिया है.

सैन्य कार्रवाई पर सवाल और आलोचना

बंधक परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ‘Hostages Family Forum’ ने इजरायल की इस नई सैन्य कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने सवाल उठाया है कि इजरायल की सेना मध्य गाजा में आखिर क्या हासिल करना चाहती है? क्या यह सेना की सिर्फ एक रणनीतिक कार्रवाई है या फिर इसकी एक और गंभीर योजना है, जिसका परिणाम आम नागरिकों को भुगतना पड़ेगा?

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Author

  • Sarthak Arora

    सार्थक अरोड़ा एक युवा और विचारशील लेखक हैं, जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति, कूटनीति, और सामरिक रणनीति जैसे विषयों पर गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। The Ink Post Hindi में वह उन खबरों को आवाज़ देते हैं, जो केवल सतह पर नहीं, गहराई में जाकर समझने की माँग करती हैं।

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