Symptoms of Kidney Failure: किडनी हमारे शरीर का एक बेहद अहम और अनोखा अंग है, जिसे अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यह केवल शरीर से टॉक्सिन और बेकार पदार्थों को छानकर बाहर निकालने का काम ही नहीं करती, बल्कि कई और महत्वपूर्ण कार्यों में भी शामिल होती है। किडनी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने, शरीर में मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखने, हड्डियों को मज़बूत करने और रेड ब्लड सेल्स (RBCs) के निर्माण में मदद करती है। यही कारण है कि किडनी को हमारे शरीर का साइलेंट हीरो कहा जा सकता है।
लेकिन समस्या यह है कि जब किडनी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है, तो इसका असर तुरंत दिखाई नहीं देता। किडनी डिजीज के शुरुआती लक्षण बेहद सामान्य लग सकते हैं—जैसे थकान या भूख न लगना। लोग अक्सर इन्हें बढ़ती उम्र, तनाव या जीवनशैली की वजह मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यही वजह है कि जब तक समस्या का पता चलता है, तब तक बीमारी गंभीर रूप ले चुकी होती है।
किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण
- पेशाब में बदलाव
किडनी की स्थिति का पहला संकेत अक्सर पेशाब में दिखता है।
रात में बार-बार पेशाब लगना (Nocturia), यूरिन की मात्रा अचानक बढ़ जाना या बहुत कम हो जाना , पेशाब का रंग गहरा होना या बहुत हल्का पड़ जाना।
ये सभी बदलाव किडनी की खराबी की तरफ इशारा कर सकते हैं।
- पेशाब में झाग या खून
अगर यूरिन लगातार झागदार दिखने लगे, तो इसका मतलब है कि उसमें प्रोटीन की मात्रा ज़्यादा है। इसी तरह अगर खून दिखाई दे, तो यह इस बात का संकेत है कि किडनी सही तरीके से फिल्ट्रेशन नहीं कर रही। इसे हल्के में लेना बेहद खतरनाक हो सकता है।
- लगातार थकान रहना
किडनी हार्मोन एरिथ्रोपॉयटिन (EPO) बनाने में मदद करती है, जो शरीर को रेड ब्लड सेल्स बनाने का संकेत देता है। जब यह हार्मोन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता, तो RBCs कम होने लगते हैं। नतीजतन, व्यक्ति को एनीमिया, कमजोरी और लगातार थकान का अनुभव होता है—even अगर वह पर्याप्त आराम कर रहा हो।
- चेहरे और पैरों में सूजन
किडनी जब शरीर से सोडियम और अतिरिक्त पानी को सही से बाहर नहीं निकाल पाती, तो शरीर में फ्लूइड जमा होने लगता है। इसके कारण:
आंखों के नीचे सूजन, पैरों और टखनों में सूजन, कभी-कभी हाथों में भी फूलाव। ये लक्षण अक्सर लोगों को लगता है कि सिर्फ नींद पूरी न होने या थकान की वजह से हैं, लेकिन यह किडनी की गड़बड़ी का संकेत हो सकते हैं।
- भूख कम लगना और मतली
किडनी खराब होने पर शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं। ये टॉक्सिन्स पाचन तंत्र पर असर डालते हैं, जिससे:
भूख कम लगना, उल्टी या मतली होना, मुंह का स्वाद बदल जाना । खाना खाते समय जल्दी पेट भर जाना।
यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो शरीर में पोषण की कमी होने लगती है।
- सांस लेने में कठिनाई
जब किडनी सही से काम नहीं करती, तो दो बड़ी समस्याएं हो सकती हैं:
खून में ऑक्सीजन ले जाने वाली RBCs की कमी (एनीमिया) ,शरीर में फ्लूइड का जमा होना, जिससे फेफड़ों पर दबाव पड़ता है।
दोनों स्थितियों में व्यक्ति को हल्के काम पर भी सांस फूलने लगती है।
- त्वचा पर खुजली या रूखापन
किडनी शरीर से अपशिष्ट पदार्थ और मिनरल्स का संतुलन बनाए रखती है। जब यह संतुलन बिगड़ता है, तो खून में फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स बढ़ने लगते हैं। इसके कारण:
त्वचा पर लगातार खुजली, स्किन में रुखापन और ड्राइनेस ,कुछ मामलों में त्वचा का रंग भी बदलने लगता है।
क्यों जरूरी है समय पर पहचान?
किडनी की बीमारी को अक्सर “Silent Killer” कहा जाता है, क्योंकि यह धीरे-धीरे बढ़ती है और जब तक इसके लक्षण साफ़ दिखाई देने लगते हैं, तब तक बीमारी एडवांस स्टेज में पहुंच चुकी होती है। अगर इन शुरुआती संकेतों को नज़रअंदाज़ कर दिया जाए, तो स्थिति डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट तक पहुंच सकती है।
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