Japan and China: जापान के नए F-35B जेट से बढ़ा चीन का तनाव, स्थानीय लोग भी विरोध में

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Japan and China: प्रशांत महासागर के आसमान में अब एक नई ताकत का आगमन हो चुका है. जापान की एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (JASDF) ने मियाजाकी प्रांत के न्युताबारू एयरबेस पर अमेरिका निर्मित F-35B स्टेल्थ फाइटर जेट की पहली खेप तैनात कर दी है. इन जेट्स की खासियत है कि ये रडार को चकमा देने में माहिर हैं और बेहद छोटे रनवे से उड़ान भर सकते हैं. जापान के इस कदम ने चीन की धड़कनें तेज कर दी हैं और उसने इसे क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताया है.

जापानी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, कुल 42 F-35B हासिल करने की योजना है, जिनमें से आठ को न्युताबारू बेस पर रखा जाएगा. पहले बैच में आए चार विमानों में से तीन को अमेरिकी पायलटों ने गुआम बेस के लिए उड़ाया. ये योजना 2024 में पूरी होनी थी, लेकिन अमेरिका से डिलीवरी में हुई देरी के कारण अब जाकर इसे अमल में लाया गया.

चीन की कड़ी प्रतिक्रिया

चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने सैन्य विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि जापान की यह तैनाती उसकी रणनीति में रक्षात्मक से आक्रामक बदलाव का संकेत है. विशेषज्ञ झांग जुनशे ने दावा किया कि जापान “चीन के खतरे” के बहाने खुद को लंबी दूरी के सैन्य अभियानों के लिए तैयार कर रहा है, जिससे प्रशांत क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है.

क्यों खास है F-35B

यह अमेरिकी मल्टीरोल फाइटर जेट युद्ध के सबसे कठिन हालात में भी मिशन पूरा करने की क्षमता रखता है. इसकी वर्टिकल टेकऑफ़ और लैंडिंग क्षमता इसे खास बनाती है, जिससे यह बिना बड़े रनवे के भी उड़ान भर सकता है. किसी हमले में रनवे क्षतिग्रस्त होने पर भी ये जेट जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहेंगे. स्टेल्थ तकनीक के कारण इन्हें दुश्मन के रडार पर पकड़ना बेहद मुश्किल है.

अमेरिका पर आरोप

चीनी मीडिया का कहना है कि अमेरिका जानबूझकर जापान की सैन्य क्षमता को बढ़ा रहा है ताकि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रणनीति का हिस्सा बन सके. दूसरी ओर, जापानी मीडिया का दावा है कि चीन खुद भी इस क्षेत्र में विमानवाहक जहाजों और संबंधित क्षमताओं को तेजी से बढ़ा रहा है.

जापान में भी विरोध

जहां एक ओर सरकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम कदम मान रही है, वहीं स्थानीय लोग इन जेट्स के शोर से परेशान हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्टिकल लैंडिंग के दौरान इनकी आवाज सामान्य से पांच गुना ज्यादा यानी 130 डेसिबल तक पहुंच जाती है, जबकि मानक 90 डेसिबल है. हाल ही में एक जेट की लैंडिंग के दौरान लगभग 50 प्रदर्शनकारियों ने एयरबेस के पास रैली निकालकर तैनाती का विरोध किया और बैनर लहराए.

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Author

  • Sarthak Arora

    सार्थक अरोड़ा एक युवा और विचारशील लेखक हैं, जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति, कूटनीति, और सामरिक रणनीति जैसे विषयों पर गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। The Ink Post Hindi में वह उन खबरों को आवाज़ देते हैं, जो केवल सतह पर नहीं, गहराई में जाकर समझने की माँग करती हैं।

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