Dubai Event Show: पाकिस्तान दुनिया में फजीहत करवाने को लेकर मशहूर है. कंगाल देश में भले खाने को पैसे न हो आवाम भुखमरी से त्रस्त है. लेकिन सत्ता पर बैठे आकाओं को कोई सुध नहीं. उल्टा कई बार ऐसे बयान दे जाते हैं जिससे उन्हीं के मुल्क की बेइज्जती हो जाती है. दरअसल हाल ही में पाकिस्तान ने चाइना, आईएमएफ और न जाने कई देशों से लोन पर पैसे उधार पर लिए हैं. अब इतना कर्ज होने के बाद भी पाकिस्तान अगर कोई मांग रखे तो हंसी का पात्र बनना लाजमी ही है.
अब चर्चा सामने आई कि पाकिस्तान ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की मांग की है. हालांकि यह सवाल पूछने से पहले ही पाकिस्तान को 100 बार सोच विचार करना चाहिए था. लेकिन फिर भी पूछकर अपनी ही फजीहत करवाई. दरअसल दुबई में एक डिफेंस एक्जीबिशन (Dubai Event Show) का आयोजन हुआ. इस आयोजन में पाकिस्तान ने ऐसा कुछ कहा जिससे कार्यक्रम में मौजूद सभी लोग हंसना शुरू हो गए.
ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहता पाकिस्तान– (Dubai Event Show)
जी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार ब्रह्ममोस मिसाइल का निर्माण करने वाले जाने माने डॉ. एपीजे सिवथानु पिल्लई ने एक पॉडकॉस्ट में पाकिस्तान के इसी किस्से को उजागर किया. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के फील्ड मार्शल जनरल आसिम मुनीर उनके पास पहुंचे, और ऐसा सवाल किया कि क्या भारत पाकिस्तान को ब्रह्ममोस मिसाइलल बेचेगा? सवाल सुनते ही सिवथानु पिल्लई के चेहरे पर मपुस्कुराहट आई और तुरंत कहा कि “पाकिस्तान के लिए तो ये फ्री में दे देंगे!” जिस तरह उन्होंने ये जवाब दिय वहां मौजूद सभी लोग अपनी हंसी पर काबू नहीं पा पाए.

हालांकि ये महज एक किस्सा नहीं है. इसके पीछे पाकिस्तान को साफ संदेश भी है कि भारत कभी भी अपनी सबसे बड़ी सामरिक ताकत उन देशों को नहीं देगा जिनसे उसका सीधा टकराव रहा है. फिर वो पाकिस्तान हो या कोई अन्य देश. पाकिस्तान सीधे तौर पर भारत के साथ दुश्मनी निभाता आया है. अब ऐसे में इस तरह के रिश्तों को देखते हुए भारत ब्रह्मोस जैसी अत्याधुनिक और घातक मिसाइल का सौदा संभव नहीं है.
ऑपरेशन सिंदूर में किया था इस्तेमाल
आपको बता दें कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में भी इसी मिसाइल का इस्तेमाल किया था. भारत की ओर से पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाक आधारित कश्मीर में आतंकी ठिकानों को टारगेट किया था. इसी युद्ध में ये साबित हुआ कि भारत के लिए ये सिर्फ एक मिसाइल नहीं बल्कि भारत की कूटनीतिक सामरिक ताकत का प्रतीक है. वहीं जब भारत ने दुनिया को ब्रह्मोस मिसाइल दिखाई, तो यह सिर्फ एक तकनीकी प्रदर्शन नहीं था. यह था एक ऐलान कि अब भारत न सिर्फ आत्मनिर्भर है, बल्कि दुश्मनों को जवाब देने में पूरी तरह सक्षम भी है. ब्रह्मोस कोई आम हथियार नहीं, बल्कि वह ताकत है जिसने भारत की सैन्य क्षमताओं की परिभाषा ही बदल दी है.
कितनी तेज है ब्रह्मोस?
ब्रह्मोस की रफ्तार इतनी जबरदस्त है कि यह आवाज़ से करीब तीन गुना तेज उड़ती है. यानी लगभग 3000 किलोमीटर प्रति घंटे. इस स्पीड का मतलब ये है कि दुश्मन के पास बचने का वक्त तक नहीं होता. इसे आप ज़मीन से, समुद्र से, हवा में उड़ते फाइटर जेट से, यहां तक कि पनडुब्बी से भी लॉन्च कर सकते हैं. यानी यह चारों मोर्चों से हमला करने में सक्षम है.

ब्रह्मोस की सबसे बड़ी खासियत
ब्रह्मोस की सबसे बड़ी खासियत है इसकी सटीकता. अगर आप किसी इमारत की सिर्फ एक खिड़की को निशाना बनाना चाहें, तो यह मिसाइल उसी खिड़की को भेदेगी, पूरे मकान को नहीं. इसका एरर मार्जिन केवल 1-2 मीटर है, और युद्ध के मैदान में इतना छोटा फर्क ही जीत और हार तय करता है.
बढ़ती रेंज, बढ़ती ताकत
शुरुआत में ब्रह्मोस की रेंज 290 किलोमीटर थी, लेकिन आज इसका उन्नत वर्जन 800 किलोमीटर तक मार कर सकता है. और अब वैज्ञानिकों का लक्ष्य इसे 1500 किलोमीटर तक ले जाना है. यानी दुश्मन की सीमा के भीतर बहुत गहराई तक पहुंचने की ताकत.
क्यों डरते हैं इससे दुश्मन?
पाकिस्तान की मिसाइलें जैसे बाबर या रा’अद आज भी ब्रह्मोस की बराबरी नहीं कर पातीं. ब्रह्मोस सिर्फ तेज नहीं है, ये सटीक, घातक और बहु-स्तरीय हमला करने में सक्षम है. यही वजह है कि इसे दुनिया की सुपरसोनिक मिसाइलों में सबसे एडवांस्ड माना जाता है.
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