Israel and Iran War: अमेरिका से घबरा रहा ईरान! ये देश बनेगा गले की फांस; छिन जाएगी खामेनेई की कुर्सी?

Israel and Iran War

Israel and Iran War: इजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध पर भले ही विराम लग चुका हो लेकिन पूरी तरह से युद्ध का अंत हो चुका यह कहना अभी ठीक नहीं होगा. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अमेरिका की ओर से किए गए हमले और सीजफायर के बाद भी जुबानी वार और ईरान की टेंशन कम नहीं हुई है. ताजा मामले की अगर बात की जाए तो ईरान के लिए वो सुपरपावर देश गले की फांस बने हुए हैं जो ईरान के निर्वासित पूर्व प्रिंस रजा पहेलवी के साथ ताबड़तोड़ मीटिंग कर रहे हैं.

दरअसल इस युद्ध (Israel and Iran War) के बाद से ही ऐसी चर्चा जारी थी कि ईरान की सत्ता में परिवर्तन आ सकता है. खामेनेई की कुर्सी छिन सकती है. हालांकि इसमें अमेरिका का नाम सामने आ रहा था. कहा गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में परिवर्तन लाना चाहते हैं जल्द तख्तापलट करवा सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ईरान को अमेरिका से नहीं बल्कि इस देश से डरने की जरूरत है.

ईरान की मुसीबत बना ब्रिटेन– (Israel and Iran War)

हम आपसे ब्रिटेन देश की बात कर रहे हैं. ब्रिटेन ईरान के लिए इसलिए मुसिबत बना हुआ है क्योंकि रजा पहलवी ने हालही में लंदन में ब्रिटेश राजनेताओं से लगातार मुलाकात की और कहा कि ईरान की जनता के लिए लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष शासन की जरूरत है. जिसके लिए वो वहां समर्थन जुटाने पहुंंचे हैं. स्थानिय मीडिया मिडिल ईस्ट आई की एक रिपोर्ट के अनुसार रजा पहेलवी ने सोमवार को ब्रिटिश सांसदों से मुलाकात की.

ईरानी सांसदों से मुलाकात कर कही ये बात

आपको बता दें कि रजा पहलवी ने इस मुलाकात में सांसदों से ईरान की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया. इसी के साथ-साथ उन्होंने ईरानी शासन के बारे में खुलकर बात की और परिवर्तन की योजना पर भी चर्चा की. हालांकि यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी वह कई इंटरव्यू में इस बात को उठा चुके हैं. कई इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ईरान में सत्ता परिवर्तन का ये बिल्कुल सही समय है. उनका कहना है कि ईरान इस समय काफी कमजोर है.

लगातार हो रही कई बैठकें

इसी रिपोर्ट के अनुसार रजा पहलवी कई सांसदों को से ईरान के वर्तमान हालात पर बातचीत में जुटे हुए. इसी क्रम में कई मीटिंग भी जारी है. इसके अलावा वह इस्लामिक कंट्री में स्थिर, धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में संक्रमण के लिए अपनी रणनीति भी साझा कर रहे हैं. उन्होंने लेबर पार्टी के सांसद ल्यूक एकहर्स्ट और कंजरवेटिव सांसद अफ्रा ब्रैंडरेथ के साथ मिलकर बैठक की.

ब्रिटेन की मौत का आगाज

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी उनकी ओर से एक पोस्ट किया गया. इस पोस्ट पर लिखा गया कि ‘ईरानी शासन ब्रिटेन की मौत का आह्वाहन करता है, इससे खतरा न सिर्फ इरानी लोगों को है, बल्कि ब्रिटेन के लोगों को भी इससे खतरा है.’ उन्होंने कहा कि मैं लंदन में राजनीतिक नेताओं से मिल रहा हूं ऐसा इसलिए ताकी उनसे बातचीत कर मैं उनसे ये आग्रह कर पाऊं कि वे धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ईरान के लिए ईरानी लोगों की लड़ाई का समर्थन करें. यह हम दोनों के हित में है.

कई बार तख्तापलट की कर चुके हैं बात

हालांकि ये पहली बार नहीं जब रजा पहलवी ने ईरान में तख्तापलट को लेकर बात की हो. इससे पहले भी कई मौकों पर उन्होंने इस्लामिक सत्ता को उखाड़ फेंकने की बात कही है. कुछ दिनों पहले ही उनका एक इंटरव्यू सामने आया था. जिसमें सीधे तौर पर उनका वार खामेनेई की कुर्सी पर था.

उनका कहना था कि खामेनेई को कुर्सी से हटाने का यह सबसे सही समय है. उनका दावा था कि ऐसा करने के लिए किसी सेना की भी जरूरत नहीं होगी. केवल ईरानी जनता ही इसके लिए काफी है. इसी दौरान उन्होंने इस्लामिक क्रांति को भी याद करवाया कि आखिर उस समय कैसे हालात थे और ईरान कितना पीछे रह चुका है. उन्होंने कहा था कि वह ईरान की सत्ता पर काबिज होकर वहां एक लोकतांत्रिक शासन देंगे.

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Author

  • Sarthak Arora

    सार्थक अरोड़ा एक युवा और विचारशील लेखक हैं, जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति, कूटनीति, और सामरिक रणनीति जैसे विषयों पर गहरी समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। The Ink Post Hindi में वह उन खबरों को आवाज़ देते हैं, जो केवल सतह पर नहीं, गहराई में जाकर समझने की माँग करती हैं।